प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
प्राचीन भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्राचीन भारतीय विज्ञान तथा तकनीक को जानने के लिये प्राचीन साहित्य और पुरातत्व का सहारा लेना पड़ता है। प्राचीन भारत का साहित्य अत्यन्त विपुल एवं विविधता सम्पन्न है। इसमें धर्म, दर्शन, भाषा, शिक्षा आदि केअतिरिक्त गणित, ज्योतिष, सैन्यविज्ञान, आयुर्वेद, रसायन, धातुकर्म, आदि भी वर्ण्यविषय रहे हैं। समस्त ज्ञान-विज्ञान का मूल स्तोत्र वेद हैं। वेद परमात्मा द्वारा दिया वो ज्ञान है जो मानव की सामर्थ्य व दृष्टि से परिपूर्ण है। प्राचीन ऋषियों ने अपने योगबल प्रज्ञा से वेद के गम्भीर अर्थों को समझ कर वैज्ञानिक प्रतिभा विकसित जी जिसके आधार पर विभिन्न तकनीके व यंत्रों का निर्माण प्राणी मात्र के हित की दृष्टि से हुआ। मध्यकाल में भारत पर आक्रांताओं द्वारा आक्रमण हुए। गुरूकुलों व विश्वविद्यालय जला दिए गए। संस्कृति के केंद्र मंदिर व भवन नष्ट कर दिए गए। हजारों प्राचीन पुस्तकें जिनमें आध्यात्म विज्ञान व पदार्थ विज्ञान था उनको भी नष्ट कर दिया गया। किन्तु वर्तमान में आज भी हमें 350 से अधिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी के ग्रन्थ मिलते हैं। जो भी लोग यह कह...