महात्मा "अलख" भूरी बाई सुथार

महात्मा "अलख" भूरी बाई सुथार विश्वकर्मा साहित्य भारत के माध्यम से अनेक विश्वकर्मा प्रतिभा को समाज में उत्तम स्थान प्राप्त मिले और उन्हें हर संभव सभी विश्वकर्मा वंशी बंधुओं समस्त कार्यक्रमों में उनको सम्मान मिले उनके नाम पर सम्मान पत्र, कार्यक्रमों के नाम, उनकी जन्म जयंती, उनके नाम पर पत्रिकाएं, अवार्ड, और बहुत इस तरह के कार्य द्वारा विश्वकर्मा समाज के महात्माओ, प्रतिभाओ को सम्मानित करना चाहिए यही प्रयास के साथ हम विश्वकर्मा साहित्य भारत के द्वारा अनेक सामाजिक विकास के प्रचार प्रसार अभियान कर रहे हैं। आज आपको हम एक ऐसी प्रतिभा जो समस्त विश्वकर्मा समाज के लिए गौरव और धार्मिक महत्व से जुड़ी हुई है। विश्वकर्मा सुथार वंश के गौरव और महान संत महात्मा भूरी बाई सुथार जिन्हें अलख उपाधि से जाना जाता है। महात्मा श्री भूरी बाई को ‘अलख’ नाम किसी अन्य सन्त महात्मा ने अभिभूत होकर दिया था। “महात्मा भूरी बाई अलख” का जन्म राजसमन्द जिले के लावा सरदारगढ़ गाँव में संवत् 1949 में आषाढ़ शुक्ला 14 को एक सुथार परिवार में हुआ। माता का नाम केसर बाई और पिता का नाम रूपा जी सुथार है। उनके पति ...