सच्ची प्रार्थनाएं प्रभु विश्वकर्मा की - मयूर मिस्त्री


सच्ची प्रार्थनाएं प्रभु विश्वकर्मा के द्वारा हमेशा स्वीकार की जाती है,
फिर ये फर्क़ नहीं पड़ता कि वो क्या है और किस भाषा में हे,
ज़ज्बात आध्यात्मिक न हो मेरा मन आराध्य अविरत कहता है,
तू जगतकर्ता हे तू अविनाशी है तो मेरी राह निश्चित ऊर्जावान हे,
माथा टेकने आया था जब जब तेज रोशनी से मिला आशीष हे,
आगे राह मेरी हे और राही बनाया मेने हंसवाहन धारी तुझे है,
- मयूर मिस्त्री
विश्वकर्मा साहित्य भारत

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