विश्वकर्मा और हनुमान

विश्वकर्मा और हनुमान प्रभु श्रीराम की भक्ति की सबसे लोकप्रिय पवित्र छवि और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ती में प्रधान हैं। कुछ ग्रंथो के अनुसार भगवान शिवजी के ११वें रुद्रावतार, सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। रामायण के अनुसार वे जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान "मारुति" अर्थात "मारुत-नंदन" (पवन पुत्र) हैं। जम्बूद्वीप के वर्ष मेरु पर्वत के दक्षिण में पहला भारतवर्ष, दूसरा किम्पुरुषवर्ष तथा तीसरा हरिवर्ष है। इसके दक्षिण में रम्यकवर्ष, हिरण्यमयवर्ष और तीसरा उत्तरकुरुवर्ष है। इसमे जो किम्पुरुषवर्ष हे उनके आधिपत्य स्वामी श्री हनुमान जी हैं। वहाँ पर भगवान श्रीरामचन्द्र जी की पूजा होती है। हनुमानजी का वाहन : 'हनुमत्सहस्त्रनामस्तोत्र' के 72वें श्लोक में उन्हें 'वायुवाहन:' कहा गया। मतलब यह कि उनका वाहन वायु है। वे वायु पर सवार...