पुस्तकें
पुस्तकें
पुस्तकें जीवन को बनाती है बनकर खिताब ,
रचनात्मक ज़िन्दगी के रंग दिखाती है पुस्तकें,
देती है दर्शन, ढूंढ लेता उसमे मार्गदर्शन,
सच्चाई पर ही अमल करना सिखाती है पुस्तकें,
हम को सिखाती है सृजन कर्म कौशल,
रौशनी आँखों की रोशन करती है पुस्तके,
धर्म कर्म मर्म शर्म इनके अलंकार है।
हर रूप में नित निराले श्रींगार सजे पुस्तके,
रचना गीत काव्य कविता के राग है पुस्तक,
महकती खुशबु की तरह साँसो में आती है पुस्तकें,
कागज़ो पर लिखते रहता है मनपसंद मयूरा,
शाही के सिंचन से पन्ने, फूल बनाती है पुस्तके,
कभी ग्रंथ कभी किताब कभी तू प्रणालिका,
ग्रंथालय की राज - रानी कहलाती है पुस्तकें,
मयूर मिस्त्री (मनपसंद)
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