नाम मात्र विश्वकर्मा

नाम मात्र विश्वकर्मा 
सकल ब्रम्हांड में एक नाम है विराट विश्वकर्मा, 
वेद पुराण साहित्य में होती उनकी जयकार, 
कार्यकर्ता करके देते हैं सेवा को प‍डकार, 
ऋषि मुनि तपस्वी गाते हैं महिमा अपरम्पार, 
लोहार के हाथोडे मे होती है लोहे फटकार, 
बढई काष्ठ कला सर्वत्र छाई रहे दमदार, 
कंसारे की ताम्रकला से चमके धातु की चमकार, 
शिल्पी की छैनी से खड़ा हे आज इतिहास, 
सोनार की कारीगरी में चमक रहा विश्वकर्मा परिवार, 
संत के आशीष लेकर जपो 
नमो विश्वकर्मा हरबार, 

मयूर मिस्त्री मोड़ासा

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