विश्वकर्मा अवतार अभिन्नता

#विश्वकर्मा_अवतार_अभिन्नता 
             
#ब्रह्मा - पुर्वकाल में विराट विश्वकर्मा ही ब्रह्मा के रुप में अवतरित हुए ।
(1) स्कन्द म.पु. काशी खण्ड 86/3-78
(२2 वैवस्वत पुराण 96/34
#विष्णु - भगवान विष्णु एवं भगवान विश्वकर्मा में परस्पर अभिन्नता है ।
(1) पद्म म.पु.भुखण्ड २९
(2) स्कन्द म.पु .काशी खण्ड 24
#शिव - महादेव जी स्वयं विश्वकर्मा के रुप में अवतार धारण करते हैं ।
(1) मदनरल , वृद्ध-वशिष्ठ
(2) वैवश्वत पुराण उत्तरार्द्ध 96/25 अ. 96 कृष्ण-भीम संवाद ।
#श्रीराम - भगवान राम को भि विश्व का सृष्टा विश्वकर्मा कहकर अभिन्नता प्रदर्शित कि गयि है ।
(1) वाल्मीकि रामायण 6/22/45 
#श्रीकृष्ण - भगवान श्री कृष्ण और भगवान विश्वकर्मा में लेश मात्र भी अन्तर नहि है ।
(1) पद्म म.पु. भुखण्ड अ.29 
#स्वामी_बृहस्पत्ती - वाचस्पती ( बृहस्पति ) के अवतार प्रभु विश्वकर्मा हुये ।
(1) विष्णु महा पुराण  
#सुर्य - भगवान विश्वकर्मा , सुर्य भगवान के साक्षात अवतार है ।
(1) विश्वमेदिनी कोष
(2) अमर कोष - वर्ग 3/409
#ऋषि_कश्यप - भौवन विश्वकर्मा , कश्यप मुनि के अवतार है । उन्हें काश्यपीच विश्वकर्मा भी कहा गया है।
(1) ऋग्वेद , ऐतरेय ब्राह्मण
(2) स्कन्द म.पु. नागर खण्ड 
#देवी_सरस्वती - शिल्पाधिपती विश्वकर्मा , वाधदेवी सरस्वती के अवतार है ।
(1) स्कन्द म.पु.नागर खण्ड 
#विष्णु - सर्व चराचर जगत का व्यवहार सिद्धि तथा सवकी जीविका निर्वाह हेतु विष्णु स्वयं विश्वकर्मा होकर देवाधि को " शिल्प - कर्म " सिखाते है ।
(1) विष्णु रहस्य अध्याय 35
(2) विश्वकर्मा संहिता सृष्टि खण्ड अ. 1/14-15-18
ॐ विश्वकर्मण्ये नमः 
संकलन - मयूर मिस्त्री
विश्वकर्मा साहित्य भारत

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