रामसेतु - एक जीवंत धरोहर - विश्वकर्मा साहित्य भारत

रामसेतु - एक जीवंत धरोहर प्रस्तावना आप सब जानते हैं हमारे देश में कई ऐसी धरोहर जो आज भी सनातन के स्थापत्य, कला, निर्माण, कौशल, यात्रा, प्रसंग, पर्व, धर्म, गाथाएं, पौराणिक, प्राचीन, अर्वाचीन, वैदिक, साहित्यिक, वीरता और अनेक प्रकार देखे जा सकते हैं। इन्हें सही पहचान मिले और हमारे पूर्वजों द्वारा रचित यह धरोहरों को विकसित और विकासशील के पथ पर चढ़ाए। ये ग्रंथ मेने अनेक प्रकार के ग्रंथो, पुराणों, लेखक के लेखों, मान्य पुस्तके, सरकारी संशोधन, और पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार लिखने की कोशिश की है। मुझे नहीं पता कि मेरे द्वारा संकलित साहित्यिक सामग्री से एक विषय पर ग्रंथ बन सकता है लेकिन एक छोटी सी कोशिस और ऊपर दिए गए सन्दर्भों के सहयोग से यह बन पाया है। आज अपने देश की धरोहर को सम्मान पूर्वक लिखना और सम्भालना और पढ़ना चाहिए। मेरी यह पुस्तक मे वाल्मीकि रामायण, विश्वकर्मा अंशावतार नल, वीर हनुमान जी, भगवान श्री राम और विश्वकर्मा संबंधित विषयो पर ध्यान केंद्रित रखा है। मे खुद विश्वकर्मा समाज से हू और यह ग्रंथ को विश्वकर्मा समाज और अन्य समाज मे धार्मिक प्रेरणा और जानकारी ...